(1)मुझे मालूम था के तुम मेरे हो नही सकते
मगर देखो मुझे फिर भी मोहब्बत हो गयी तुमसे....!!
(2)वो हमसे कहते है कि बदल गये हो तुम
उनसे जाकर कह दो
के टूटे पत्तो के रंग अकसर बदल ही जाते है..!!
(3)जबसे मुझे ये यकीन हो गया
के ऊपर वाला मेरे साथ है
मैने इस बात की परवाह करना छोड दिया
के कौन-कौन मेरे खिलाफ है ।।
(4)कभी मुस्कुराती आँखें भी कर देती हैं कई दर्द बयां,
हर बात को रोकर ही बताना जरूरी तो नहीं ......!!
(5)जिन राहो पे एक उमर तेरे साथ चला हुँ
अरसा हुआ वो रास्ते सुनसान बहुत है....!!
मिल जाओ कभी लौट के फिर आऊँ शायद
कमजोर हुँ मै राह मे तुफान बहुत है....!!
एक तुम ही नही मेरी जुदाई से परेशान
हम भी तो तेरी चाह मे विरान बहत है....!!
इस तर्क-ए-वफा पे मै उसे कैसे भुला दुँ
मुझ पर उस सख्स के अहसान बहुत है....!!
भर आऐ ना आँखे तो मै एक बात बताऊँ
अब दुनिया से जुदा होने के मेरे अरमान बहुत है...!!
मगर देखो मुझे फिर भी मोहब्बत हो गयी तुमसे....!!
(2)वो हमसे कहते है कि बदल गये हो तुम
उनसे जाकर कह दो
के टूटे पत्तो के रंग अकसर बदल ही जाते है..!!
(3)जबसे मुझे ये यकीन हो गया
के ऊपर वाला मेरे साथ है
मैने इस बात की परवाह करना छोड दिया
के कौन-कौन मेरे खिलाफ है ।।
(4)कभी मुस्कुराती आँखें भी कर देती हैं कई दर्द बयां,
हर बात को रोकर ही बताना जरूरी तो नहीं ......!!
(5)जिन राहो पे एक उमर तेरे साथ चला हुँ
अरसा हुआ वो रास्ते सुनसान बहुत है....!!
मिल जाओ कभी लौट के फिर आऊँ शायद
कमजोर हुँ मै राह मे तुफान बहुत है....!!
एक तुम ही नही मेरी जुदाई से परेशान
हम भी तो तेरी चाह मे विरान बहत है....!!
इस तर्क-ए-वफा पे मै उसे कैसे भुला दुँ
मुझ पर उस सख्स के अहसान बहुत है....!!
भर आऐ ना आँखे तो मै एक बात बताऊँ
अब दुनिया से जुदा होने के मेरे अरमान बहुत है...!!
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