(1)तुझ से मोहब्बत तेरी औकात से बढ कर की थी
अब नफरत की बारी है तो सोंच तेरा क्या होगा...!!
(2)जब हम नही होंगे तो वफा कौन करेगा
ये हक मोहब्बत का अदा कौन करेगा...!!
या रब मेरे दुश्मन को रखना तु सलामत
वरना मेरे लिए मरने के दुआ कौन करेगा...!!
(3)कितनी झूठी है मोहब्बत की कसमे
देखो ना तुम भी जिन्दा हो मै भी जिन्दा हुँ... !!
(4)कोई नही आया है तेरे बाद मेरी जिन्दगी मे
मगर एक मौत ही है जिसका मै वादा नही करता...!!
(5)मगन था मै सब्जी मे नुक्स निकालने मे
और कोई खुदा से सूखी रोटी के लिए शुक्र मना रहा था...!!
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