(1)महोब्बत के रिश्तों के ये धागे कितने कच्चे हैं,
हम को अकेला ही रहने दो हम अकेले ही अच्छे हैं ||
(2)हादसे इंसान के संग, मसखरी करने लगे
लफ़्ज़ क़ागज़ पर उतर, जादूगरी करने लगे....
क़ामयाबी जिसने पाई, उनके घर तो बस गये
जिनके दिल टूटे वो आशिक़, शायरी करने लगे....!!
(3)अगर फुर्सत के लम्हों में मुझे याद करते
हो तो अब मत करना,
क्योंकि मैं तन्हा जरूर हूँ मगर 'फ़िज़ूल'
बिल्कुल नहीं...!!
(4)वो हैरान है मैरे सब्र पर तो कह दो उसे......
जो आँसू दामन पर नही गिरते
वो दिल मे गिरा करते है...!!!
(5)बात मुक्कदर पे आकर रूक गयी है वरना....
कोई कसर तो ना छोडी थी तुझे चाहने मे....!!!
(6)मै कोशिश तो बहुत करता हुँ उसको जान लूं.....
लेकिन वो मिलने पर बड़ी कारीगरी से बात करता है ।
(7)अब उसे न सोचू तो जिस्म टूटने लगता है.......
एक वक़्त गुजरा है
उसके नाम का नशा करते~करते...!!
हम को अकेला ही रहने दो हम अकेले ही अच्छे हैं ||
(2)हादसे इंसान के संग, मसखरी करने लगे
लफ़्ज़ क़ागज़ पर उतर, जादूगरी करने लगे....
क़ामयाबी जिसने पाई, उनके घर तो बस गये
जिनके दिल टूटे वो आशिक़, शायरी करने लगे....!!
(3)अगर फुर्सत के लम्हों में मुझे याद करते
हो तो अब मत करना,
क्योंकि मैं तन्हा जरूर हूँ मगर 'फ़िज़ूल'
बिल्कुल नहीं...!!
(4)वो हैरान है मैरे सब्र पर तो कह दो उसे......
जो आँसू दामन पर नही गिरते
वो दिल मे गिरा करते है...!!!
(5)बात मुक्कदर पे आकर रूक गयी है वरना....
कोई कसर तो ना छोडी थी तुझे चाहने मे....!!!
(6)मै कोशिश तो बहुत करता हुँ उसको जान लूं.....
लेकिन वो मिलने पर बड़ी कारीगरी से बात करता है ।
(7)अब उसे न सोचू तो जिस्म टूटने लगता है.......
एक वक़्त गुजरा है
उसके नाम का नशा करते~करते...!!
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